Jan 15, 2015

बेटियाँ

बाबू मेला शोना-मोना
हाथ मिलाकर बात करो ना
जब से तुम हो रूठी-रूठी
रूठे बिस्तर, कमरा कोना

सांस फूला कर क्यों बैठी हो
चेहरा छुपाकर क्यों लेटी हो
गुस्सा होना ठीक नहीं है
मान भी जाओ छोना-छोना

आजा तेरे बाल बना दूं
चुटिया बड़ी कमाल बना दूं
झुमका, बिंदिया, लाली काजल
गोले-गोले गाल बना दूं

देखो काली हो गयी आँखें
तकिये से अब ताके-झांके
अच्छा! नाटक कर रही थी
पापा जी का बैंड बजा के

बिटिया हो गयी नौटंकीबाज़
माँ-बेटी का खुल गया राज

#damukipoem

-बेटियां ज़िंदगी हैं। save the girl child.

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