बाबू मेला शोना-मोना
हाथ मिलाकर बात करो ना
जब से तुम हो रूठी-रूठी
रूठे बिस्तर, कमरा कोना
सांस फूला कर क्यों बैठी हो
चेहरा छुपाकर क्यों लेटी हो
गुस्सा होना ठीक नहीं है
मान भी जाओ छोना-छोना
आजा तेरे बाल बना दूं
चुटिया बड़ी कमाल बना दूं
झुमका, बिंदिया, लाली काजल
गोले-गोले गाल बना दूं
देखो काली हो गयी आँखें
तकिये से अब ताके-झांके
अच्छा! नाटक कर रही थी
पापा जी का बैंड बजा के
बिटिया हो गयी नौटंकीबाज़
माँ-बेटी का खुल गया राज
#damukipoem
-बेटियां ज़िंदगी हैं। save the girl child.