बादल का जब खुला पिटारा
बारिश में यही हाल रहेगा
हर साल यही होते हैं लोचे
कुर्सी पर फिर टिका बेचारा
बारिश का जब खुला पिटारा
रैनकोट में निकला बंटी
स्कूल की जब बजी थी घंटी
बेग उठाकर गेट पे आया
छतरी खोले खड़ी थी अंटी
दोनों घर लौटे दोबारा
बादल का जब खुला पिटारा
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