ताउम्र लड़ते जाऊंगा
तेरे नाज-ओ-नखरे उठाऊंगा
तुम टोकती रहना मुझे
मैं गलतियाँ करता जाऊँगा
इश्क यूं ही जिंदा रहेगा
अपने दरमयान
जब तक है जान
जब तक है जान
ये कई उम्रों का साथ है
तू है तो फिर क्या बात है
तू दिन कहे तो दिन यहाँ
तेरी रात मेरी रात है
ये सदियों का सिलसिला
अपनी है पहचान
जब तक है जान
जब तक है जान
© Damodar Vyas 15/11/2012
तेरे नाज-ओ-नखरे उठाऊंगा
तुम टोकती रहना मुझे
मैं गलतियाँ करता जाऊँगा
इश्क यूं ही जिंदा रहेगा
अपने दरमयान
जब तक है जान
जब तक है जान
ये कई उम्रों का साथ है
तू है तो फिर क्या बात है
तू दिन कहे तो दिन यहाँ
तेरी रात मेरी रात है
ये सदियों का सिलसिला
अपनी है पहचान
जब तक है जान
जब तक है जान
© Damodar Vyas 15/11/2012
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