Nov 1, 2011

काजल पीछे राज़ छुपाकर क्यों करती है वार
तीर नज़र सी उतरी दिल में, ले गई दुनिया पार
तेरी नैनों वाली बातें
बड़ी गहरी रे... कितनी गहरी रे...
I - हाथ पकड़कर साथ चली थी
क़तरा- क़तरा साथ उड़ी थी
ग़ज़ब की दुनिया दिखी रात भर
जंगल बीच बाज़ार
तेरी नैनों वाली बातें
बड़ी गहरी रे... कितनी गहरी रे...
II - एक पलड़े में चाँद धारा था
दूजे में मुस्कान तेरी
भारी हल्का, हल्का भारी
मुश्किल में थी जान मेरी
बड़ी बात का दाम बड़ा था
कीमत लाख हज़ार
तेरी नैनों वाली बातें
बड़ी गहरी रे... कितनी गहरी रे..
III - नाव में बैठा गीत सुनाये
कल-कल नदियाँ बहती जाए
गीतों का रंग लाल गुलाबी
मियां मेघ मल्हार
बीच भंवर में उलझ गया रे
उतारा कोई ना पार
तेरी नैनों वाली बातें
बड़ी गहरी रे... कितनी गहरी रे...
Damodar vyas (All right reserved for this song)

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