Jan 1, 2010

इस बरस


बीती बातें भूल जाएँ, इस बरस,
बच्चा-बच्चा मुस्कुरायें, इस बरस,
ना किसी का घर जलें और ना बहें
बस, रोशनी ही नज़र आयें, इस बरस

भारत ही भारत नाम हो, इस दुनिया में,
सबके मन में राम हो, इस दुनिया में
सीता का ना ही हरण हो - वनवास हो,
"आतंक की लंका" जीत जाये, इस बरस

"लता" की आवाज़ हम सुनते रहें,
"ओबामा" जैसी क्रांति को, चुनते रहें,
"जैक्सन" जैसी मौज, फिरसे आएगी,
"सचिन" फिर सरताज होगा, इस बरस

बच्चो के, कंधो से हो थोडा, बोझ कम,
नाचे-गाए-हँसते जाए, हर कदम,
ये आने वाला कल हैं, इतना जान लो,
इन्हें भूल से भी, ना रुलाये, इस बरस

दिल से दिल की बात को, खुलकर कहें,
दुश्मनी को भूल, हम मिलकर रहें,
जहां भी हो, चैन-ओ-अमन की बात हो,
"दीप" तू भी लिखता जाए, इस बरस

2 comments:

Shruti said...

umm.. tathaastu! :)

Railway News Express said...

thnkx for ur thathastu shruti ji......... wesse is baras har kisi comment ko seriously lene ka resolution liya he..... so from now onwards aapko bhi comments thode soch samajh ke dene honge :-)

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